आनंद एवं श्रद्धाभाव से मनाये अक्षय तृतीया का मंगल पर्व !
हमारे भारत देश में जनवरी माह से लेकर दिसंबर तक कई उत्सव और त्योहार आनंद तथा श्रद्धाभाव से मनाये जाते है। हमारा देश उत्सवप्रिय देश है, इसी के साथ सद्विचार, संस्कार, परम्पराओं, रीति-रिवाजों का संवाहक देश है। संपूर्ण वर्ष में कोई ना कोई उत्सव आता है और इससे समाज में खुशियों का वातावरण बना रहता है। हर किसी के जीवन में आनेवाले दुखदर्द और समस्याओं से उभर कर लोग उत्सवों के द्वारा मिलनेवाली छोटी-छोटी खुशियों में आनंद ढुंढते है। यही हमारे उत्सवों की सार्थकता है। ऐसा ही उत्सव है अक्षय तृतीया। यह दिन अपने आप में एक बडा शुभमुहूर्त है। धर्म और संस्कृति में अक्षय तृतीया का मंगल पर्व महत्वपूर्ण माना गया है।
हर वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023, दिन शनिवार को मनाई जा रही है। अक्षय तृतीया के पर्व को मांगलिक कार्य और किसी चीज की खरीदारी के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन सोना खरीदना काफी शुभ होता है। खरीदारी करने के साथ ही इस दिन दान-पुण्य कर्म करने का बहुत अधिक महत्व होता है। दीपावली की तरह ही अक्षय तृतीया पर भी माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इस वर्ष की अक्षय तृतीया का दिन बेहद खास है, क्योंकि इस दिन 6 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योग में पुण्यकर्म करने से भक्तोपर माता लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहेगी।
* मंगलमय मुहूर्त है अक्षय तृतीया !
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 22 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 49 मिनट से हो रहा है। यह तिथि 23 अप्रैल की सुबह 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इस शुभ दिन की एक और खास बात भी है, इसी दिन कुल 6 शुभ संयोग आ रहे है।
* त्रिपुष्कर योग : सुबह 05 बजकर 49 मिनट से सुबह 07 बजकर 49 मिनट तक।
* आयुष्मान योग : इस दिन सुबह 09 बजकर 26 मिनट तक।
* सौभाग्य योग : प्रात: 09 बजकर 36 मिनट से से पूरी रात्रि तक।
* रवि योग : रात्रि 11 बजकर 24 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन 23 अप्रैल सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक।
* सर्वार्थ सिद्धि योग : रात्रि 11 बजकर 24 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन 23 अप्रैल सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक।
* अमृत सिद्धि योग : रात्रि 11 बजकर 24 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक।
* माता लक्ष्मी जी का पूजन
अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी जी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करें। इस पूजा विधि से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। विवाह आदि के लिए अक्षय तृतीया का दिन बेहद खास माना जाता है। अक्षय तृतीया पर सोना, घर, वाहन, घर की वस्तुए या फिर कोई अन्य बडी वस्तु की खरीदारी शुभ होती है। मान्यता है की, ऐसी खरीदारी से उसमें कई गुना वृद्धि होती है। हमें अक्षय निरंतर सुख की प्राप्ति होती है। आईए, इस वर्ष भी अक्षय तृतीया का मंगल पर्व आनंद एवं श्रद्धाभाव से मनाये।
।। आप सभी को मंगल पर्व अक्षय तृतीया की ढेर सारी बधाईयां ।।