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जालना के ओजस्वी वक्ता तथा मधुर गायक
श्री. किशोरजी का एक नया कदम


अश्वथ फाउंडेशन के तहत अब होगा नवजात शिशुओ का हार्ट ऑपरेशन

भारत देशभरमें कुछ न कुछ कमियों के कारण नवजात शिशुओ में जन्मजात विकृति हो जाती है। इन्हीं में से एक है - जन्मजात हृदयविकार। इस कारण बच्चे के जीवन की गुणवत्ता में काफी प्रभाव पड़ सकता है। जानकारी के अभाव में इसके इलाज में भी काफी दिक्कतें हो सकती हैं। लेकिन जालना में स्थित ओजस्वी वक्ता तथा मधुर गायक श्री. किशोरजी के अश्वथ फाउंडेशनने इस दिशा में अब एक नया कदम रखा है। अश्वथ फाउंडेशन के तहत अब कमजोर वर्ग के नवजात शिशुओ का हार्ट ऑपरेशन किया जाएगा। डॉ. गणेश बाबासाहेब मिसाळने इस विषय में अधिक जानकारी दी। डॉ. गणेश मिसाळ (MBBS DCH, IPPC (Australia), PG Paediatric Nutrition (Boston) स्वयं एक सफल डॉक्टर के रूप में इस कार्य से जुडे है।
अश्वथ फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री. किशोरजी और डॉ. गणेश मिसाळने कहाँ, जन्मजात हृदयविकार बच्चों में होनेवाले जन्मजात विकारों में सामान्य है। पर जिन माँ-बाप के उपर यह आपदा आती है, वे हताश अवस्था में जाते है। जन्मजात हृदयविकार को लेकर लोगों में कई प्रकार की भ्रांतियां हैं। जबकि सच्चाई यह है की उचित हार्ट ऑपरेशन के माध्यम से बच्चे स्वस्थ जीवन बिता सकते है। नई सर्जिकल एवं इंटरवेंशनल प्रक्रियाओं से हृदयविकार को ठीक किया जा सकता है या फिर उसकी गंभीरता को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसमें से कुछ हार्ट ऑपरेशन जन्म के पश्चात तुरंत ही करना जरुरी होता है। कुछ ऑपरेशन्स हम बच्चो की दो वर्ष की आयुतक कर सकते है। इन ऑपरेशन्स मे जोखीम और खर्चा बहोत जादा यानी की ३ से ५ लाख रुपयो तक का होता है। कम आयवाला कमजोर वर्ग इतना खर्चा नहीं कर सकता। समाज का जो सधन वर्ग है, ऐसे माता-पिता ऑपरेशन्स का खर्चा उठा सकते है, पर कमजोर वर्ग नहीं। इसीलिए अश्वथ फाउंडेशन ऐसे ही बच्चो का हार्ट ऑपरेशन के लिए चयन करेगा।
नवजात शिशुओ के यह सभी हार्ट ऑपरेशन्स औरंगाबाद शहर में नहीं हो सकते। क्योकी ऐसी कोई बडी व्यवस्था यहाँ स्थित अस्पतालो में नही है। इस कारण यह सभी हार्ट ऑपरेशन्स मुंबई, पुणे, नासिक या फिर चेन्नई, पुट्टपर्थी, बेंगलोर इन बडे शहरो में होंगे। प्राथमिक चिकित्सा औरंगाबाद तथा भिन्न शहरो में आवश्यकता के अनुसार होगी। अश्वथ फाउंडेशन इन सभी प्रक्रियाओ मे प्रमुख रूप से सहायता करेगा। एक बात का ध्यान रहे, सभी जन्मजात हृदय विकृति अपने आप ठीक नहीं होती। कुछ में उचित एवं सही समयसीमा के अन्दर इलाज की भी जरूरत होती है। इसीलिए जरूरी है की आप बाल हृदयरोग विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श करें। नवजात शिशुओ के हार्ट ऑपरेशन विषय मे आजही अश्वथ फाउंडेशन, जालना से संपर्क करे।
आप सभी की सहायता के लिए संपर्क पता
श्री. किशोरजी
अध्यक्ष, अश्वथ फाउंडेशन, जालना
कॉल करें +91 853 016 7555
तिवारी आर्केड , शिवजी स्टेचू , जालना, महाराष्ट्र. 431213.
डॉ. गणेश मिसाळ
(MBBS DCH, IPPC (Australia), PG Paediatric Nutrition (Boston)
साई माऊली सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल,
तुलजाभवानी मंदिर के सामने, पाईपलाईन रोड, अहमदनगर (महाराष्ट्र)

१) गायत्री संस्थान, जालना

जालना शहर में विभिन्न धार्मिक उपक्रमो के आयोजन में गायत्री संस्थान प्रमुख रूप से सहभागी है। मधुर गायक और ओजस्वी वक्ता श्री. किशोरजी की अध्यक्षता में धर्म तथा संस्कृति के विषय में यह संस्थान कार्यरत है। समाज का हर व्यक्ति सत्कर्म और सद्विचार की ओर अग्रणी रहे इस कामना के साथ जनमानस में वैचारिक परिवर्तन लाकर समाज का उत्थान करना यही गायत्री संस्थान का लक्ष्य है। गायत्री संस्थान आध्यत्मिक जीवन, भक्ति प्रसार तथा संस्कृति के आदर्श सिद्धांतों के आधार पर परिवार, समाज, राष्ट्र निर्माण करनेवाले सद्विचारी व्यक्तियों का समूह है। है।

 

२) गायत्री विद्यानिकेतन हिंदी स्कूल

जालना शहर मे स्थित विभिन्न स्कूलों मे गायत्री विद्यानिकेतन हिंदी स्कूल अपनी अलग पहेचान बनाने मे सफल रही है। मराठी, हिंदी और सेमी इंग्लिश माध्यम द्वारा अनेको छात्र-छात्राए यहाँ पढती है। अध्ययन के साथ विभिन्न शैक्षिक उपक्रमो मे छात्र-छात्राए अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करते है। यहाँ का शिक्षा स्तर भी ऊंचा है। अध्यापक गण छात्र-छात्राओ के प्रगति हेतु सदैव प्रयासशील रहते है। स्कूल मे खेल प्रतियोगिताएं, क्विज, कहानी सुनाओ, रंगोली और कला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।

 

३) गायत्री विद्यानिकेतन मराठी स्कूल

जालना शहर मे स्थित विभिन्न स्कूलों मे गायत्री विद्यानिकेतन मराठी स्कूल अपनी अलग पहेचान बनाने मे सफल रही है। मराठी, हिंदी और सेमी इंग्लिश माध्यम द्वारा अनेको छात्र-छात्राए यहाँ पढती है। अध्ययन के साथ विभिन्न शैक्षिक उपक्रमो मे छात्र-छात्राए अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करते है। यहाँ का शिक्षा स्तर भी ऊंचा है। अध्यापक गण छात्र-छात्राओ के प्रगति हेतु सदैव प्रयासशील रहते है। स्कूल मे खेल प्रतियोगिताएं, क्विज, कहानी सुनाओ, रंगोली और कला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।

 

४) गौशाला

भारतीय संस्कृति में गाय - गोमाता को पवित्र एवं मंगलकारक माना जाता है। हिन्दू धर्म में गाय को माता माना जाता है और उसकी हर तरह से सेवा एवं रक्षा करना पुण्य कर्म माना जाता है। जहाँ बडी मात्रा में गोपालन किया जाता है ऐसी गौशाला होती है। जालना शहर में गायत्री संस्थान की ओरसे गौशाला चलायी जाती हैं। इन्हे नियमित समय पर आहार दिया जाता है। सभी गायो की सेहत की तरफ ध्यान दिया जाता है। अनेक गौप्रेमी गौशाला में चारा तथा इतर सामग्री दान करते है।